शिक्षा के क्षेत्र में डॉ. जय प्रकाश पांडे जी को मिला : सम्मान 2023
शिक्षा के क्षेत्र में अपनी लेखनी से युवा वर्ग एवं समाज को सही दिशा देने वाले डॉ. जय प्रकाश पांडे जी को इंटरनेशनल रिसर्च एंड डेवलपमेंट एसोसिएशन के वाइस प्रेसिडेंट शशी भूषण पांडे जी के हाथों को मिला “ सम्मान - 2023 ”
लॉर्ड गौतम बुद्धा ट्रस्ट, कोकर एवं अंतर्राष्ट्रीय भारत सेवा संस्थान के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित कार्यक्रम “ सम्मान - 2023 ” के तहत संत जेवियर्स महाविद्यालय रांची के हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. जय प्रकाश पांडे जी को अंग वस्त्र एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया ।
जय प्रकाश पांडे जी का जन्म 23 फरवरी 1961 को आज के वर्तमान झारखंड के गिरिडीह जिला में हुआ। इनका स्वभाव बचपन से ही शांत और मृदुभाषी रहा है। इनके अंदर शिक्षा के प्रति रुझान और कुछ कर गुजरने की लालसा बचपन से ही देखने को मिली है। स्कूल के समय से ही इनके बोलने और लिखने का अंदाज बिल्कुल ही अलग था। लोग अपने भाषण इनसे लिखवाया करते थे। शब्दों का चयन और विषय की प्रस्तुति में इनका कोई जवाब नहीं था। समय धीरे-धीरे बीतता गया और इनकी उपलब्धियां बढ़ती गई।
इन्होंने सन 1991 में डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी एवं 2004 में डी लिट् की उपाधि प्राप्त किये । उनकी रुचि समय के साथ सांस्कृतिक, साहित्यिक, राजनीतिक एवं सामाजिक कार्य में बढ़ने लगी। इनके द्वारा लिखी गई पुस्तकों से विद्यार्थी के साथ-साथ समाज के लोगों को भी फायदा होने लगा। इनका दायरा बढ़ता गया और धीरे-धीरे झारखंड, बिहार, उड़ीसा, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश से लोग जुड़ने लगे। देश के कोने-कोने से लोग इनसे संपर्क साधने लगे और शिक्षा से जुड़ी समस्याओं का समाधान पूछने लगे। इनके सुझाव को समाचार पत्रों ने प्रमुखता से छापा साथ ही साथ रेडियो एवं दूरदर्शन ने भी अपने-अपने माध्यम से इनके द्वारा बताए गए सूचना को जनजन तक पहुंचाने का कार्य किया।
इनके द्वारा लिखी गई सबसे पहली पुस्तक "दयनाथ लाल की काव्य - चेतना " तूलिका प्रकाशन नई दिल्ली के द्वारा 1996 में प्रकाशित किया गया। समय बीतता गया और एक के साथ एक नई पुस्तक प्रकाशित होती गई। पुस्तक की लोक प्रियता दिन प्रतिदिन बढ़ती गई जिससे इन्हें लिखने में हिम्मत मिली। देखते ही देखते इन्होंने कई दर्जन पुस्तकें लिख डाली।
2019 में झारखंड के राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू जो कि वर्तमान में भारत के राष्ट्रपति हैं उन्होंने डॉ जयप्रकाश पांडे जी के द्वारा लिखी गई पुस्तक "विश्व नायक नरेंद्र मोदी" का लोकार्पण राजभवन में किया था। इस पुस्तक की लोकप्रियता इतनी बढ़ी की आज वर्तमान के विभिन्न पुस्तकालय एवं बुक इंस्टॉल पर मौजूद है।
डॉ जय प्रकाश पांडे जी को 1991 में "विद्या वाचस्पति", 1994 में "साहित्य श्री", 2001 में "विद्यासागर" एवं 2011 में "जय शंकर प्रसाद पुरस्कार" अखिल भारतीय विद्वत परिषद वाराणसी से प्रदान किया गया। इसके अलावा विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के द्वाराअलग-अलग कार्यक्रमों में अलग-अलग सम्मान से सम्मानित किया गया।
इंटरनेशनल रिसर्च एंड डेवलपमेंट एसोसिएशन टीम के द्वारा समाज के ऐसे व्यक्तियों को चिन्हित किया जाता है जिनके कार्य से समाज और देश का मान सम्मान बढ़ा है, उसी कड़ी के तहत समाज और शिक्षा के प्रति चिंतित रहने वाले डॉ. जय प्रकाश पांडे जी को “सम्मान - 2023” इंटरनेशनल रिसर्च एंड डेवलपमेंट एसोसिएशन के वाइस प्रेसिडेंट शशी भूषण पांडे जी के हाथों उनके सेल सिटी रांची आवाज में प्रदान किया गया है।
मौके पर लॉर्ड गौतम बुद्ध ट्रस्ट के संस्थापक भारत भूषण ने कहा कि डॉ. जय प्रकाश पांडे जी शिक्षा के क्षेत्र में झारखंड के एक रत्न हैं। ऐसे धरोहर को संभाल कर रखने की आवश्यकता है। अपने मेहनत के बलबूते इन्होंने राज्य का मान सम्मान बढ़ाया है। ऐसे व्यक्ति को आगे बढ़ाने की आवश्यकता है।