चिकित्सा के क्षेत्र में नाड़ी विशेषज्ञ डॉ. जय प्रकाश जी को मिला : सम्मान 2024
चिकित्सा के क्षेत्र में नाड़ी विशेषज्ञ डॉ जय प्रकाश जी को किडनी, लिवर एवं अन्य साध्य रोगों से जूझ रहे मरीजो के सफल इलाज के लिए इंटरनेशनल रिसर्च एंड डेवलपमेंट एसोसिएशन के वाइस प्रेसिडेंट शशी भूषण पांडे जी के हाथों को मिला “ सम्मान - 2024 ”
लॉर्ड गौतम बुद्धा ट्रस्ट, कोकर एवं अंतर्राष्ट्रीय भारत सेवा संस्थान के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित कार्यक्रम “ सम्मान - 2024 ” के तहत नाड़ी विशेषज्ञ डॉ जय प्रकाश जी को अंग वस्त्र एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया ।
जय प्रकाश जी का जन्म 30 मई 1975 को बनारस के बी. एच. यू. हॉस्पिटल, लंका में हुआ। इनका स्वभाव बचपन से ही शांत और मृदुभाषी रहा है। इनके अंदर कुछ नया सीखने और कुछ कर गुजरने की लालसा बचपन से हीं देखने को मिली है। लोगों की सेवा करना मानो उनके ब्लड में ही है।
इन्होंने 10वीं और 12वीं की परीक्षा पटना से पास की साथी ही 2005 में इन्होंने जी. ए. एम. एस. की डिग्री राजकीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी चिकित्सा परिषद, बिहार के द्वारा प्राप्त किया। इन्होंने 2012 में क्लिनिकल साइकोलॉजी में डॉक्टर ऑफ फिलासफी की डिग्री प्राप्त की। इनके द्वारा की गई शोध राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय जर्नल में प्रकाशित हैं । इन्होंने 2018 से 2023 तक मनोविज्ञान के प्राध्यापक के रूप में भी कार्य किया।
आज के दौर में चमत्कार से कम नहीं है नाड़ी विज्ञान, इस चिकित्सा पद्धति में हर बीमारी का होता है अचूक इलाज। जिस तरह आधुनिक चिकित्सा पद्धति में बीमारी का पता कुछ लैब टेस्ट और जांचों की मदद से लगाया जाता है। उसी तरह आयुर्वेद में भी बीमारी की पहचान करने के कई तरीके हैं। इनमें नाड़ी परीक्षण प्रमुख है। इसमें मरीज की नाड़ी की गति नापकर बीमारियों का पता लगाया जाता है। शरीर की सेहत अच्छी होने या बिगड़ने का प्रभाव ह्रदय की गति ( दिल की धड़कन) पर पड़ता है। इस स्पंदन या धड़कन का प्रभाव धमनियों की धड़कन पर पड़ता है। इसी धड़कन को छूकर आयुर्वेदिक चिकित्सक आपकी सेहत का अंदाज़ा लगाते हैं।
डॉ जय प्रकाश इस क्षेत्र में अपने आप को इस तरह तैयार किए हैं कि असाध्य से असाध्य रोग जैसे लिवर, किडनी, स्त्री रोग एवं कैंसर जैसे बीमारियों पर इनका इलाज चमत्कारी साबित हुआ है। और यूं कहां जाए कि यह शिक्षा उन्हें विरासत में मिली है। जी हां इनके पिता श्याम बिहारी मिश्रा जी, जो कि बी. एच. यू में आयुर्वेद के प्रोफेसर के रूप में अपनी सेवा दे चुके हैं। आज डॉ. जय प्रकाश जी आयुर्वेद चिकित्सा को आगे बढ़ते हुए अपने नए-नए शोधों से लोगों को लाभान्वित कर रहे हैं और उन्हें जटिल से जटिल बीमारियों से छुटकारा दिला रहे हैं। अभी वह बक्सर,रांची और लोहरदगा में बैठते हैं।
इंटरनेशनल रिसर्च एंड डेवलपमेंट एसोसिएशन टीम के द्वारा समाज के ऐसे व्यक्तियों को चिन्हित किया जाता है जिनके कार्य से समाज और देश का मान सम्मान बढ़ा है उसी कड़ी के तहत झारखंड हाई कोर्ट के अस्सिटेंट रजिस्टार प्रमोद कुमार ओझा जी उपस्थित में नाड़ी विशेषज्ञ डॉ जय प्रकाश जी को “सम्मान - 2024” इंटरनेशनल रिसर्च एंड डेवलपमेंट एसोसिएशन के वाइस प्रेसिडेंट शशी भूषण पांडे जी के हाथों आयुर्वेद भवन, रांची में प्रदान किया गया है।
मौके पर लॉर्ड गौतम बुद्ध ट्रस्ट के संस्थापक भारत भूषण ने कहा कि डॉ जय प्रकाश आयुर्वेद चिकित्सा के क्षेत्र में बिहार एवं झारखंड के एक रत्न हैं। इनके कारण न जाने कितने लोगों की जीवन बची है और कितने परिवार उजड़ने से बच गए हैं। ऐसे व्यक्ति लोगों के लिए भगवान के ही स्वरुप हैं।
झारखंड हाई कोर्ट के अस्सिटेंट रजिस्टार प्रमोद कुमार ओझा जी ने कहा कि समाज के सामने नाड़ी विशेषज्ञ डॉ जय प्रकाश जी जैसे लोगों को लाने की आवश्यकता है। आज के दौर में जानकारी के अभाव के कारण लोगों को सही चिकित्सा नहीं मिल पा रही है। कार्यक्रम के दौरान समाजसेवी असीम कुमार चौधरी भी उपस्थित रहे।