शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए प्रोफेसर ( डॉ. ) अशोक कुमार चौधरी को मिला “ सम्मान - 2023 ”
लॉर्ड गौतम बुद्धा ट्रस्ट, कोकर एवं अंतर्राष्ट्रीय भारत सेवा संस्थान के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित कार्यक्रम “ सम्मान - 2023 ” के तहत सेवानिवृत्त प्रोफेसर ( डॉ.) अशोक कुमार चौधरी को अंग वस्त्र एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया ।
अशोक कुमार चौधरी का जन्म 7 मार्च 1955 को आज के वर्तमान झारखंड के गोड्डा जिला के एक छोटे से गांव मोतिया में हुआ। उनकी परवरिश माता-पिता की देखरेख में हुई। इनका स्वभाव बचपन से ही शांत और मृदुभाषी रहा है। शुरुआती दौर से ही पढ़ाई में प्रदर्शन अच्छा रहा जिसके कारण नेतरहाट विद्यालय में पढ़ने का मौका मिला।
पढ़ाई पूरी करने के बाद 1978 में रांची विश्वविद्यालय के अंतर्गत चाईबासा के टाटा कॉलेज में इनकी पहली जॉइनिंग हुई। इन्होंने कड़ी मेहनत कर महाविद्यालय के छात्रों को आगे बढ़ाने में सहयोग किया और कदम दर कदम शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ते रहे। सन 1982 में यह रांची के जे.एन. कॉलेज धुर्वा में आ गए। शिक्षा के महत्व को समझते हुए इन्होंने लगातार मेहनत जारी रखा और धीरे-धीरे शिक्षा के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाई। सन 1985 में इन्हें रांची विश्वविद्यालय के बॉटनी डिपार्टमेंट का एच.ओ.डी. बना दिया गया। इनके मार्गदर्शन में अभी तक 25 विद्यार्थी को डॉक्टरेट की उपाधि मिल चुकी है और 2 विद्यार्थी का शोध जारी है।
सन 2012 में इन्हें CVS (College of Vocational Studies) का निदेशक बना दिया गया। इन्होंने अपनी बुद्धि और मेहनत का उपयोग कर विश्वविद्यालय को आगे बढ़ाने में लगे रहे । सन 2014 में विश्वविद्यालय के द्वारा इन्हें अतिरिक्त प्रभार देते हुए HRDC का डायरेक्टर बना दिया। यहां पर पूरे भारत से लोग आकर प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं। यह यूजीसी का अंग है। इन्होंने अपने पूरे कार्यकाल में पूरी ईमानदारी और निष्ठा के साथ कार्य किए और विश्वविद्यालय को उच्चतम शिखर तक ले जाने में सहयोग किया। 31 मार्च 2020 को यह विश्वविद्यालय से सेवानिवृत्त हो गए ।
आज भी इन्होंने अपने कार्य को जारी रखा है। मृदुभाषी और शांत स्वभाव होने के कारण विद्यार्थियों के दिलों में एक अलग स्थान है। जिन्हें भी किसी भी तरह की परेशानी होती है बेधड़क संपर्क करते हैं और नि:शुल्क मार्गदर्शन प्राप्त करते हैं । इनके मार्गदर्शन के कारण कई विद्यार्थी भारत के श्रेष्ठतम पद पर कार्य कर रहे हैं। वर्तमान में पर्यावरण बचाने हेतु लोगों के बीच में जाकर जागरूकता फैलाने का कार्य करें। इनके द्वारा लिखी गई किताबें लोगों के बीच में आज भी बहुत लोकप्रिय है। इनका मानना है कि जितना ज्यादा वोकेशनल कोर्स बढ़ेगा उतना ही बेरोजगारी की समस्या खत्म होगी साथ ही साथ डिजिटलाइजेशन के क्षेत्र में भी और जागरूकता लाने की आवश्यकता है।
सेवानिवृत्त होने के बाद भी लगातार समाज और शिक्षा के प्रति चिंतित रहने वाले प्रोफेसर ( डॉ. ) अशोक कुमार चौधरी को “सम्मान - 2023” इंटरनेशनल रिसर्च एंड डेवलपमेंट एसोसिएशन के वाइस प्रेसिडेंट शशी भूषण पांडे जी के हाथों उनके रांची स्थित आवास पर प्रदान किया गया है।
मौके पर लॉर्ड गौतम बुद्ध ट्रस्ट के संस्थापक भारत भूषण ने कहा कि ऐसे व्यक्ति समाज के लिए धरोहर हैं । ऐसे विद्वानों का मार्गदर्शन समाज को जितना ज्यादा से ज्यादा मिल सकेगा उतना ही ज्यादा समाज को फायदा होगा।